क्या हो गया है तुम्हें? तुम्हें क्या हो गया है? तुम पहले ऐसे तो नहीं थे जैसे अब हो। पहले तुम्हारे अंदर बहुत जोश, जुनून और एक एनर्जी थी – सीखने की, काम करने की, पढ़ाई करने की, और नए-नए विचारों को समझने की। लेकिन अब ऐसा क्यों नहीं दिखता? तुम्हारा एग्जाम आने वाला है, लेकिन तुम्हारा मन पढ़ाई में लग ही नहीं रहा। ऐसा कैसे चलेगा? ऐसा कैसे काम चलेगा? यह तो समय की सबसे बड़ी बर्बादी है।
अब बस बहुत हो गया! आज और अभी से मेहनत करना शुरू कर दो। आज से ही खुद से एक कमिटमेंट करो और खुद को एक कमरे में बंद कर दो। दरवाजे को लॉक कर दो। 30 दिन तक वह दरवाजा नहीं खुलेगा। 30 दिन बाद, नया साल आने वाला है, 2025 आएगा, और तब तक तुम्हें मेहनत करके निकलना है। उस कमरे में किसी की एंट्री नहीं होगी – न कोई दोस्त, न कोई रिश्तेदार, न कोई सोशल मीडिया का अलर्ट। सिर्फ तुम्हारी मेहनत, संघर्ष, त्याग, और तुम्हारे सपने होंगे।
तुम्हें उस कमरे में 30 दिन तक लगातार मेहनत करनी होगी। चुपचाप, खामोशी से, पूरी निष्ठा के साथ। तुम्हें अपने आप को बदलना है। तुम तब तक उस कमरे से बाहर नहीं निकलोगे जब तक तुम सीख नहीं चुके हो।
एक बड़े व्यक्ति ने कहा था, “जिसे पढ़ना होता है, वह पढ़ता है। और जो बहाने बनाना चाहता है, वह बहाने बनाता है।” जिनको काम चुराना होता है, वे हमेशा कामचोर होते हैं। वे कभी अपने काम से पीछा नहीं छोड़ पाते और हमेशा उसे टालते रहते हैं। “आज काम करेंगे, कल करेंगे, परसों करेंगे…” और हकीकत यह है कि वे कभी भी उस काम को पूरा नहीं करते।
जब एग्जाम के आखिरी दिन आते हैं, तब वे बड़े जोश-खरोश से पढ़ाई करने लगते हैं। दो-दो, तीन-तीन घंटे तक पढ़ते हैं, लेकिन सच यह है कि उस समय पढ़ाई नहीं होती। उस समय बस चीटिंग के जुगाड़ किए जाते हैं। यह कड़वा सच है, लेकिन यही सच है। तब कोई भी तुम्हें बुलाए तो तुम उसे डांट देते हो – “मुझे पढ़ने दो, मेरा कल एग्जाम है।”
तुम उसे मना कर देते हो, चाहे वह कितना भी जरूरी काम क्यों न हो। यहाँ तक कि खाने के समय भी तुम बहाने बना देते हो, “मैं थोड़ा रुक के खाऊंगा, अभी मुझे पढ़ाई करनी है।” लेकिन सवाल यह है कि यह कंसिस्टेंसी, यह ध्यान और यह समर्पण तुम्हें अभी क्यों नहीं दिखता? तुम्हारे पास एक बड़ा काम है, फिर अचानक से पढ़ाई के प्रति इतनी दृढ़ता और मानसिकता कैसे आ जाती है? क्या तुमने कभी खुद से यह सवाल किया है?
बस! अब इस फालतू के टाइमपास और बेवकूफी को छोड़ दो। खुद को मेहनत में लगा दो। अभी भी बहुत वक्त है, लेकिन कहीं ऐसा न हो कि समय हाथ से निकल जाए। अगर समय निकल गया तो फिर पछताने का कुछ नहीं होगा। तुम्हें यह समझना होगा कि सोशल मीडिया, संगीत, वीडियो और अन्य डिस्ट्रैक्शन से दूर रहकर तुम अपना ध्यान एक जगह केंद्रित करो।
अभी पूरी जिंदगी पड़ी है मनोरंजन के लिए, लेकिन जब यह दिन निकल जाएंगे और अगर तुमने मेहनत नहीं की तो फिर पूरी जिंदगी टाइमपास बन जाएगी। इसीलिए जो वक्त तुम्हारे पास है, उसे सही तरीके से इस्तेमाल करो। अगर तुम आज सीरियस हो जाओगे, तो कल वह सफल होगा।
अब थोड़ी सीरियसनेस दिखाओ। खुद से पूछो, “तुम क्या कर रहे हो? तुम किस दिशा में जा रहे हो? तुम अपने समय को क्यों बर्बाद कर रहे हो?” तुम्हें यह समझना होगा कि कैसे 2 सेकंड के रील्स और 10-10 सेकंड के वीडियो तुम्हारा एक घंटा चुराकर ले जाते हैं। तुम बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते। इन सब चीजों को छोड़ो और सिर्फ मेहनत में लग जाओ।
मुझे कमेंट में बताना कि तुम इस वीडियो को किस तारीख को देख रहे हो, ताकि मैं देख सकूं कि क्या तुमने सच में 30 दिन तक मेहनत की है या नहीं।
अब वक्त है खुद को बदलने का। तुम्हारी सफलता तुम्हारी मेहनत में छिपी है।