To do any work, you need silence, not noise | Hindi Motivation 2025

हममें से कई लोग नए काम की शुरुआत करते समय अपनी योजनाओं और लक्ष्यों के बारे में बात करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सफलता पाने के लिए कभी-कभी चुप रहना और शांत रहना ज्यादा फायदेमंद होता है? “जिप योर माउथ” यानी अपना मुंह बंद रखो, यही मंत्र है जब भी आप कोई नया काम करने जा रहे हों।

किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है, “कोई प्रॉपर्टी खरीदनी हो, लोगों को तब बुलाओ जब गृह प्रवेश हो।” यही सिद्धांत जीवन के किसी भी क्षेत्र में लागू हो सकता है। चाहे आप नया घर खरीद रहे हों, नया व्यापार शुरू कर रहे हों, या किसी के साथ रिलेशनशिप में हैं, सब कुछ चुपचाप करें। इस दौरान दूसरों से अपनी योजनाओं के बारे में बात करने की जरूरत नहीं। अपने काम को अपनी चुप्पी के साथ करें और उसे तभी उजागर करें जब वह पूरी तरह से तैयार हो।

चुप रहकर काम करने के फायदे

यह सिद्धांत “चुप रहो और काम करो” पर आधारित है। उदाहरण के तौर पर, अगर आप किसी से डेट कर रहे हैं, तो इसकी जानकारी लोगों को तब तक न दें जब तक आपकी शादी तय न हो जाए। ऐसा करने से आप न केवल लोगों को चौंका सकते हैं, बल्कि आपको बिना किसी बाहरी दबाव के अपनी यात्रा पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलता है।

“शांत रहो, गहरे रहो, और सफलता दिखाओ”

एक कहावत है, “जो जितना बोलता है, वह उतना फंसता है।” अक्सर लोग अपनी ताकत और बुद्धिमत्ता का प्रचार करते हैं, लेकिन सच्चे विजेता वो होते हैं जो अपनी शक्तियों को छुपाकर रखते हैं। वे शांत रहते हैं, गहरे रहते हैं और अपनी मेहनत में व्यस्त रहते हैं। जैसे समंदर गहरे और शांत होते हैं, वैसे ही हमें भी अपनी ताकत छुपाए रखनी चाहिए। जब जरूरत पड़े, तब ही अपनी योजना और उद्देश्य साझा करें।

स्वामी विवेकानंद का सिद्धांत

स्वामी विवेकानंद ने कहा था, “मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता सूर मचा दे।” यह बताता है कि आपकी मेहनत, आपकी तैयारी, और आपके प्रयास सब कुछ चुपचाप होने चाहिए। जैसे किताब को पढ़ते हुए, घर के कोने में एक हल्की रोशनी में काम करते हैं, वैसे ही आपको अपने जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए चुपचाप कार्य करना चाहिए। किसी को अपने कठिन परिश्रम और मेहनत के बारे में बताने की कोई आवश्यकता नहीं होती।

चेस खेल की तरह सोचें

चेस खेल में, खिलाड़ी अपना अगला कदम केवल तब बताता है जब वह चेकमेट की स्थिति में होता है। ठीक वैसे ही, अपनी योजनाओं और लक्ष्यों को लोगों के सामने नहीं लाना चाहिए जब तक कि वे पूरी तरह से सफल न हो जाएं। अगर आप लोग अपनी योजनाओं का खुलासा करते हैं, तो कभी न कभी आपको उनके जवाब देने की मजबूरी हो सकती है, खासकर तब जब आप अपने लक्ष्यों में विफल हो जाते हैं।

इसलिए, काम करते समय चुप रहना और अपनी योजनाओं को केवल अपने तक सीमित रखना ज्यादा फायदेमंद है। इससे आप न केवल अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रख सकते हैं, बल्कि अगर आपको असफलता का सामना करना पड़ता है, तो आप इसे नए प्रयास के साथ ठीक कर सकते हैं।

निष्कर्ष

हर काम को बिना शोर के चुपचाप करना ज्यादा प्रभावी होता है। चाहे आप किसी बड़े लक्ष्य के लिए काम कर रहे हों या फिर छोटी सी उपलब्धि की ओर बढ़ रहे हों, आपको अपने कार्यों को सार्वजनिक करने से पहले सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए। अपनी शक्ति, बुद्धिमत्ता और मेहनत को केवल अपने तक ही रखें और जब परिणाम सामने आए, तो उस वक्त लोगों को दिखाएं। यही सफलता की कुंजी है।

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